कोरबा में महज आठ माह के भीतर 2 अरब 33 करोड़ 93 लाख से अधिक की शराब मदिरा प्रेमी गटक चुके हैं. यह राशि बीते साल की तुलना में 18 प्रतिशत बढ़ी है.
कोरबाः प्रदेश में समय समय पर शराबबंदी की मांग उठती रही है. इसे लेकर राजनैतिक दलों के अलावा सामाजिक संगठन भी मुखर होते रहे हैं. इसके उल्टे शराब के शौकिन लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इस बात का अंदाजा आबकारी विभाग को देशी-विदेशी शराब की बिक्री से मिलने वाली राशि से लगाया जा सकता है. यदि चालू वित्तीय वर्ष की बात करें तो महज आठ माह के भीतर 2 अरब 33 करोड़ 93 लाख से अधिक की शराब मदिरा प्रेमी गटक चुके हैं. यह राशि बीते साल की तुलना में 18 प्रतिशत बढ़ी है.
कोरबा जिले में आबकारी विभाग की सहूलियत के लिहाज से सात वृत्त बनाए गए हैं. आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त सौरभा बक्शी ने बताया कि जिले में कुल 37 देशी-विदेशी मदिरा दुकानें संचालित हैं. जिसमें 17 विदेशी, 11 देशी, 8 कंपोजिट व एक प्रीमियम दुकानें शामिल है. इन दुकानों में खपत के अनुरूप मुख्यालय से बिक्री लक्ष्य प्रदान किया जाता है. उन्होंने बताया कि शायद ही कोई ऐसा साल हो,जब विभाग ने मुख्यालय से मिले लक्ष्य को प्राप्त न किया हो. इसके पीछे कोरबा में शराब की बढ़ती बिक्री के मांग को माना जाता है.
दरअसल, औद्योगिक जिला होने के कारण कोरबा में स्लम बस्तियों की भरमार है. यहां औद्योगिक संयंत्रों के आवासीय कालोनी स्थित हैं. इसके अलावा पॉश कालोनियां हैं, जहां हर वर्ग के लोग निवास करते हैं. इनमें मदिरा प्रेमी भी शामिल हैं, जो हर रोज शराब का सेवन करते हैं.