निगम में अपने कमरे की चाहत के लिए लगातार 56 दिन तक अपने पार्षदों को लेकर आंदोलन किए मगर शहरहित के लिए झुग्गी झोपड़ी वालो के लिए चार सालों में लगातार 4 दिन भी आंदोलन नहीं किए
धमतरी – जल विभाग अध्यक्ष अवैश हाशमी ने बताया कि निगम के अधिकारी-कर्मचारियों की बैठक लेकर जून की गर्मी और बारिश के मौसम में पेयजल एवं जल संबंधित व्यवस्था को और बेहतर बनाने चर्चा की गई।अधिकारी से एलम की जांच रिपोर्ट के बारे में जानकारी लिए तो पता चला कि जांच रिपोर्ट निगम में आया नही है। दरअसल एलम को वापस कर दिया गया था, इसमे नेता प्रतिपक्ष की कोई भूमिका नहीं थी। उनके द्वारा श्रेय लेने के लिए एलम मामले में लगातार झूठ परोसा जा रहा है। जबकि शाहवासियो को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की पूरी व्यवस्था महापौर के निर्देश पर निगम द्वारा की गई है। नेता प्रतिपक्ष बार-बार आम लोगो के बीच झूठ परोस रहे है। निगम को बदनाम करना उनकी फितरत में शामिल हो गया है। निगम के नेता प्रतिपक्ष का बयान आया है कि जांच रिपोर्ट तो पहले ही आ गयी है। श्री हाशमी ने कहा कि जब जांच रिपोर्ट निगम में नहीं आयी है तो फिर नेता प्रतिपक्ष के पास कहाँ से आ गयी, कहीं पहले से जांच रिपोर्ट हासिल कर नेता प्रतिपक्ष द्वारा अवैध वसूली का प्रयास तो नहीं किया जा रहा था, फिर अधिकारी-कर्मचारियों पर दबाव डालना व निगम को बदनाम करने नेता प्रतिपक्ष की फितरत है। उलुल जुलुल स्टेटमेंट देकर क्या साबित करना चाहते हैं। इनके पास 30 मई को जांच रिपोर्ट आ गया है तो शासन इनकी है, अब तक क्या कर रहे थे, कार्यवाही करना चाहिए था। लगता है शायद दबाव बनाकर वसूली के जुगाड़ में लगे हुए थे, इसलिए तो अभी तक जांच रिपोर्ट इनके पास आने के बाद भी कार्यवाही नही कर रहे हैं और एलम में भ्रष्टाचारी की बात करते जब एलम को इस्तेमाल करने से पहले अधिकारी चेक किए तो पता चला ठीक नहीं है जब एलम का इस्तेमाल नहीं किया गया और न उसकी राशि नही दी गई तो भ्रष्टाचार की बात कहां से नेता प्रतिपक्ष के दिमाग में आ गया।आचार संहिता के समय खराब एलम को इस्तेमाल किए बगैर अधिकारी ने ठेकेदार को बोले जिस पर अपना समान ले गया उस पर नेता प्रतिपक्ष प्रोपोगंडा कर स्टेटनमेंट दे रहे। गंदा पानी पीने से शहर वासियों को बचाया करके जबकि ये काम अधिकारी पहले कर चुके थे और बिना जांच के पानी सप्लाई नहीं होता। अधिकारी कर्मचारी चेक करते हैं जांच करते हैं तब पेयजल आपूर्ति सुचारू रूप से सप्लाई की जाती है। नेता प्रतिपक्ष का काम भ्रम फैलाना यही काम रह गया है। इन्होने बायपास रोड किनारे कचरे का मुद्दा को भी तामझाम कर उठाया फिर चुप्पी साध ली उसमे भी साफ नजर आता है कि इनका स्वार्थ पूरा हो गया है। एलम वाले मामले को लेकर बैठक में हमने अधिकारियों को सीधा कार्यवाही करने आदेश दिए तब इनका अवैध वसूली का मंसूबा नष्ट हो गया तब ये उलूल जुलूल बयान बाजी कर रहे हैं। कांग्रेस पार्षद नीलू पवार, कमलेश सोनकर, सविता कंवर, पूर्णिमा रजक ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का खुद का वार्ड मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। इनके वार्ड के लोग इनके दर्शन के लिए तरस गए। इनके द्वारा शहर में भ्रम फैलाने और अधिकारी कर्मचारीयों को दबाव डालने का और सूचना के अधिकार का उपयोग जनहित और शहर हित में न करके दुरुपयोग किया जाता है। अधिकारी कर्मचारियों को दबाव डालकर स्वहित साधते है और सत्ता पक्ष के बेहतरीन कार्यों व शहर हित के कार्यों में रुकावट पैदा करते है।कांग्रेस शासन से शहर हित के लिए करोड़ों रुपए स्वीकृत हुए थे, उन कार्यों को जिसका वर्क ऑर्डर जारी हो गया था उसे निरस्त करवाकर सिर्फ अपने बीजेपी वार्डों का स्टीमेट बनवाकर शासन से स्वीकृत कराने का षड्यंत्र करना इससे पक्षपात रवैय्या और शहर का विकास को साल भर ब्रेक लगाने का काम ये सब उट पूटांग कार्य करना नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष का फितरत बन गया है। मगर ये भूल रहे हैं ये पब्लिक है ये सब जानती है डींग मारने वाले नेता और सेवा करने वाले जननायक में अंतर होता है।