विधानसभा के बजट सत्र में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कांग्रेस विधायक द्वारिकाधीश यादव के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

रायपुर/ छत्तीसगढ़ सरकार ने 1 दिसंबर 2023 से 31 जनवरी 2025 तक विज्ञापन और प्रचार-प्रसार पर 332.92 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। विधानसभा के बजट सत्र में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कांग्रेस विधायक द्वारिकाधीश यादव के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
463 करोड़ की मंजूरी, अब तक 332 करोड़ खर्च
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस अवधि में 463.21 करोड़ रुपये की राशि सरकारी योजनाओं, कार्यों और प्रचार-प्रसार के लिए मंजूर की गई थी। इसमें से अब तक 332.92 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विज्ञापन और प्रचार सामग्री जिलेवार नहीं, बल्कि राज्य स्तर पर जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी किए जाते हैं।
देखें किस मीडिया के लिए कितना बजट मंजूर
सरकार के अनुसार, विज्ञापन बजट को विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस प्रकार आवंटित किया गया था:
प्रिंट मीडिया: ₹97.31 करोड़
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया: ₹92.23 करोड़
डिजिटल और सोशल मीडिया: ₹25.56 करोड़
प्रकाशन: ₹3.87 करोड़
क्षेत्रीय प्रचार: ₹232.26 करोड़
जनजातीय उपयोजना: ₹11.96 करोड़
अब तक कितना हुआ खर्च?
विधानसभा में पेश रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक विभिन्न माध्यमों पर निम्नलिखित राशि खर्च की जा चुकी है:
प्रिंट मीडिया: ₹77.43 करोड़
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया: ₹65.90 करोड़
डिजिटल और सोशल मीडिया: ₹19.80 करोड़
प्रकाशन: ₹2.92 करोड़
क्षेत्रीय प्रचार: ₹154.90 करोड़
जनजातीय उपयोजना: ₹11.96 करोड़
विपक्ष ने उठाए सवाल
इस भारी-भरकम खर्च को लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस विधायक द्वारिकाधीश यादव ने सरकार से पूछा था कि यह राशि जिलेवार कैसे खर्च की गई, लेकिन सरकार ने स्पष्ट किया कि विज्ञापन जिला स्तर पर नहीं बल्कि राज्य स्तर पर ही जारी किए जाते हैं।
क्या कह रही सरकार?
राज्य सरकार का कहना है कि यह राशि सरकारी योजनाओं की जानकारी जनता तक पहुंचाने के लिए खर्च की जा रही है। वहीं, विपक्ष का आरोप है कि यह जनता की भलाई से ज्यादा सरकार की ब्रांडिंग पर केंद्रित है।
अब देखना होगा कि इस मुद्दे पर आगे क्या बहस होती है और क्या सरकार इस भारी-भरकम खर्च पर कोई सफाई पेश करती है या नहीं?