रुद्री जाते समय तीन सवारियों से भरे एक दुपहिया वाहन के साथ बड़ा हादसा होते-होते बच गया। घटना उस वक्त हुई जब यातायात पुलिस द्वारा वाहन चेकिंग की जा रही थी।

धमतरी/रुद्री जाते समय तीन सवारियों से भरे एक दुपहिया वाहन के साथ बड़ा हादसा होते-होते बच गया। घटना उस वक्त हुई जब यातायात पुलिस द्वारा वाहन चेकिंग की जा रही थी। तीनों लड़के रुद्री में प्रैक्टिस करने जा रहे थे, तभी पुलिस की चेकिंग से बचने के लिए उन्होंने भागने की कोशिश की। इसी दौरान यातायात के एक आरक्षक ने उन्हें पकड़ने के लिए अचानक खींच लिया, जिससे दुपहिया वाहन असंतुलित हो गया और पेड़ से टकराने से बाल-बाल बचा।इस हादसे में एक लड़के का हाथ फ्रेक्चर हुआ है।
हालांकि, इस घटना में कोई गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन यह घटना एक बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती थी। इस पर सवाल उठ रहा है कि गलती किसकी थी? – तीन सवारी बैठाकर वाहन चलाने वाले लड़कों की? या फिर यातायात पुलिस के उस आरक्षक की?, जिसने बिना सावधानी के उन्हें खींचा, जिससे वे मौत के मुंह में जाते-जाते बचे।वही तीन लड़को में एक लड़के ने रेलवे में भर्ती हेतु फार्म भी भरा है।
स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर गहरी चर्चा हो रही है। कई लोगों का मानना है कि यातायात नियमों का पालन करवाना ज़रूरी है, लेकिन पुलिस द्वारा ऐसी जबरदस्त कार्रवाई से हादसों की संभावना बढ़ जाती है। वहीं, कुछ लोग तीन सवारी चलाने वाले युवकों की गलती मानते हैं, जिनकी लापरवाही से यह स्थिति पैदा हुई।
यातायात पुलिस और सुरक्षा उपायों को लेकर यह घटना एक बड़ा सवाल खड़ा करती है? – क्या चेकिंग के दौरान इस प्रकार की कार्रवाई उचित है? इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन की भूमिका और यातायात नियमों के उल्लंघन के बीच संतुलन पर भी विचार हो रहा है।