*आंगनबाड़ी निर्माण को लेकर भाजपा नेताओं का दोहरा चरित्र :- योगेश शर्मा*
*विष्णु के सुशासन में राजनीतिक स्वार्थ ही सर्वोपरि, जनता के हितों से कोई सरोकार नहीं*

धमतरीं/आंगनबाड़ी केंद्र का मुख्य उद्देश्य भारत में बच्चों और गर्भवती माताओं के लिए पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाएं प्रदान करना है। यह केंद्र एक एकीकृत बाल विकास सेवा योजना (ICDS) के तहत काम करता है, जिसका उद्देश्य जन्म से लेकर छह वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ्य और विकास को बढ़ावा देना है. यह जनहित का बहुत ही महत्वपूर्ण योजना हैँ जिसका संचालन शासन के द्वारा धमतरी शहर के विभिन्न वार्डों में किया जा रहा हैँ. परंतु विगत दिनों सुंदरगंज वार्ड के गार्डन की जमीन में पुराने कालमो में निर्माणाधीन आंगनवाड़ी भवन निर्माण के मामले सामने आने के बाद शहर कांग्रेस के अध्यक्ष योगेश शर्मा ने इसे भाजपा नेताओं की दोहरा चरित्र बताया हैँ श्री शर्मा ने आगे कहा कि पूर्व में बनियापारा वार्ड के तत्कालीन पार्षद ममता शर्मा के कार्यकाल में शासन के द्वारा वार्ड में आंगनबाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई थी. जिसके निर्माण के लिए सेंचुरी गार्डन के अनुपयोगी स्थान पर सभी कागजी कार्यवाही पूर्ण होने के साथ टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी थी. परंतु निगम में भाजपा की सरकार आने के बाद राजनीतिक दुर्भावनावश आंगनवाड़ी भवन निर्माण पर रोक लगा दिया गया. और बताया गया कि गार्डन की जमीन पर आंगनवाड़ी भवन का निर्माण नहीं किया जा सकता जिसकी सभी साक्ष्य दस्तावेज उपलब्ध है. यदि बनियापारा वार्ड स्थित गार्डन कि जमीन पर आंगनबाड़ी भवन का निर्माण नहीं हो सकता हैँ तो सुंदरगंज वार्ड स्थित गार्डन की जमीन पर आंगनबाड़ी भवन का निर्माण कैसे हो सकता हैँ. क्या सुंदरगंज वार्ड के लिए कोई नियम कानून नहीं है. या विष्णु देव जी की सुशासन वाली सरकार में नियम क़ानून राजनीतिक दुर्भावना के आधार पर बनाया जा रहा है. सत्यता तो यही हैँ कि भाजपा की ट्रिपल इंजन सरकार में गरीब वर्ग लगातार प्रताड़ित हो रहे हैँ. भाजपा के नेताओं को जनता की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है. आंगनवाड़ी केंद्र बच्चों और माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन हैं, जो उनके स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा के लिए आवश्यक सेवाएं प्रदान करते हैं. भाजपा के नेताओं ने बनियापारा वार्ड की जनता को इन सभी लाभो से वंचित करने का घटिया कृत्य किया है. प्रलोभन और झूठ कि राजनीति से सत्ता में काबिज नेताओं के इशारे पर चलकर नियम विरुद्ध कार्य करने वाले अधिकारियों को समझना चाहिए कि शासन के प्रतिनिधि समय-समय में बदलते रहते हैं।