नगर निगम स्वच्छता अभियान को गति देने के लिए गौ पालकों से शुल्क लेकर गोबर निस्तारण करवा रहा है

धमतरी। नगर निगम स्वच्छता अभियान को गति देने के लिए गौ पालकों से शुल्क लेकर गोबर निस्तारण करवा रहा है, लेकिन असली सवाल यह है कि क्या यह अभियान वास्तविक स्वच्छता ला रहा है या सिर्फ औपचारिकता निभाई जा रही है?
लाल बगीचा वार्ड में गौ पालकों ने शुल्क चुकाकर गोबर उठाव करवाया, जिसके बाद नगर निगम ने गुलाब फूल देकर सम्मानित भी किया। मगर हकीकत यह है कि वर्षों से इस स्थान पर गोबर फेंका जा रहा है, जिससे पूरे वार्ड में गंदगी और दुर्गंध फैली हुई है। वार्डवासियों को इससे भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
“शुल्क पटाओ, गंदगी फैलाओ” का नया नियम?
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब भी नगर निगम कार्यवाही करता है, गौ पालक शुल्क चुकाकर फिर से उसी स्थान पर गंदगी फैलाने लगते हैं। यह सिलसिला लगातार चलता आ रहा है, जिससे वार्ड में बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
“यह तो खुली छूट देने जैसा है। गौ पालक शुल्क देकर फिर से गंदगी करने को तैयार रहते हैं। अगर निगम को सच में सफाई की चिंता है, तो कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए, सिर्फ शुल्क लेने से कुछ नहीं होगा,” – एक वार्डवासी ने नाराजगी जताई।
कब मिलेगी वार्डवासियों को राहत?
नगर निगम भले ही इस पहल को स्वच्छता अभियान की सफलता के रूप में दिखा रहा हो, लेकिन जब तक सख्त कदम नहीं उठाए जाएंगे, तब तक वार्डवासियों की परेशानियां खत्म नहीं होंगी। क्या निगम सिर्फ शुल्क लेकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रहा है, या फिर असली स्वच्छता लाने के लिए कोई ठोस नीति बनाएगा? यह सवाल अब वार्डवासियों के मन में उठने लगा है।


