• Sat. Oct 18th, 2025

तहसीलदार नायब तहसीलदार का चरणबद्ध हड़ताल धरना प्रदर्शन

Share

तहसीलदार-नायब तहसीलदारों का चरणबद्ध आंदोलन, 17 सूत्रीय मांगों को लेकर गांधी मैदान में धरना

धमतरीं/छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के आह्वान पर जिले के तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने सोमवार, 28 जुलाई को गांधी मैदान में धरना देकर प्रदेश स्तरीय आंदोलन को समर्थन दिया। यह चरणबद्ध आंदोलन तीन चरणों में आयोजित किया जा रहा है। पहले चरण में 28 जुलाई को जिला स्तर पर धरना दिया गया, दूसरे चरण में 29 जुलाई को संभाग स्तर पर प्रदर्शन होगा, और तीसरे चरण में 30 जुलाई को राजधानी रायपुर में प्रांत स्तरीय धरना-प्रदर्शन होगा।

आंदोलनकारी अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर मुखर हैं, जिनमें तहसीलों में स्वीकृत पदों पर स्थायी नियुक्ति, तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर 50:50 अनुपात में पदोन्नति, नायब तहसीलदार पद को राजपत्रित करने, ग्रेड पे में सुधार, प्रशिक्षित ऑपरेटर की नियुक्ति, शासकीय वाहन, ड्राइवर, और ईंधन की उपलब्धता, न्यायिक मामलों में सुरक्षा, और कार्यालयों में संसाधनों की कमी को दूर करना शामिल है।

इस हड़ताल के कारण राजस्व कार्य, भूमि विवाद, लोक सेवा गारंटी, कानून व्यवस्था, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के कार्य, जनगणना, किसान पंजीयन, और अभिलेख शुद्धता जैसे महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हुए। तहसील कार्यालयों में नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, खसरा-खतौनी की प्रतिलिपि, जाति, निवास, और आय प्रमाण पत्र जैसे कार्य पूरी तरह ठप रहे, जिससे आम जनता को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा।

धरने में तहसीलदार सूरज बंछोर, मनोज भारद्वाज, अखिलेश देशलहरे, भूपेश चंद्राकर, कुसुम प्रधान, शिवेंद्र सिन्हा, चुम्मन सिंह ध्रुव, दुर्गेश सिंह, डीपेंद्र सिंह पटेल, विनोद बंजारे, विवेक चंद्राकर, छत्रपाल चंद्राकर, रामकुमार सिन्हा, दुर्गा साहू सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंह और प्रदेश अध्यक्ष केके लहरे ने कहा कि लंबे समय से उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 30 जुलाई तक मांगें पूरी नहीं हुईं, तो अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की जाएगी। राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा के साथ हाल की मुलाकात में मांगों को जायज बताया गया था, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है।

राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने कलेक्टरों को पत्र जारी कर राजस्व अधिकारियों को अवकाश न देने और अनुपस्थिति पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है। फिर भी, संघ अपनी मांगों को लेकर अडिग है और जनता से असुविधा के लिए खेद व्यक्त करते हुए शीघ्र समाधान की मांग कर रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *