ज़ी न्यूज़ चैनल के एक हालिया कार्यक्रम में स्वयंभू धर्मगुरु उमेश पुरी द्वारा हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणी से देशभर में आक्रोश फैल गया है। इस मामले में धमतरी से तीन संगठनों ने राष्ट्रपति, सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, अनुविभागीय अधिकारी और पुलिस अधीक्षक को एक आवेदन सौंपकर उमेश पुरी और ज़ी न्यूज़ चैनल के संचालक के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने की मांग की है।

धमतरीं/ज़ी न्यूज़ चैनल के एक हालिया कार्यक्रम में स्वयंभू धर्मगुरु उमेश पुरी द्वारा हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणी से देशभर में आक्रोश फैल गया है। इस मामले में धमतरी से तीन संगठनों ने राष्ट्रपति, सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, अनुविभागीय अधिकारी और पुलिस अधीक्षक को एक आवेदन सौंपकर उमेश पुरी और ज़ी न्यूज़ चैनल के संचालक के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने की मांग की है।तीनो संगठनों के प्रभारियों ने अपने आवेदन में कहा कि उमेश पुरी की टिप्पणी ने मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को गहरे तौर पर आहत किया है। उन्होंने इसे सस्ती लोकप्रियता हासिल करने और सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने की कोशिश करार दिया। आवेदन में यह भी आरोप लगाया गया कि उमेश पुरी एक फर्जी धर्मगुरु प्रतीत होते हैं, क्योंकि कोई भी सच्चा धर्मगुरु किसी अन्य धर्म का अपमान नहीं करता। इसके साथ ही, ज़ी न्यूज़ चैनल के संचालक पर भी इस तरह के भड़काऊ डिबेट आयोजित करने का आरोप लगाया गया है, जो समाज में सौहार्द को नुकसान पहुंचा सकता है।
इस मामले में रज़ा यूनिटी फाउंडेशन,सुन्नी यूथ विंग और आता-ए-गरीब नवाज़ कमेटी ने भी अलग-अलग ज्ञापन सौंपकर उमेश पुरी और ज़ी न्यूज़ के संचालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इन संगठनों का कहना है कि इस तरह की टिप्पणियां न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि समाज में तनाव और वैमनस्य को भी बढ़ावा देती हैं। उन्होंने पुलिस प्रशासन से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने और दोषियों को कड़ी सजा देने की अपेक्षा जताई है।समाज के कमेटियों ने एसडीएम को ज्ञापन सौपा है।
#ArrestUmeshPuri ट्रेंड
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी इस घटना को लेकर गुस्सा देखा जा रहा है। कई यूज़र्स ने #ArrestUmeshPuri हैशटैग के साथ उमेश पुरी की गिरफ्तारी की मांग की है। एक पोस्ट में कहा गया कि यह महज़ एक डिबेट नहीं, बल्कि जानबूझकर किया गया अपमान है, जिसके लिए सख्त कार्रवाई ज़रूरी है। हालांकि, कुछ पोस्ट्स में यह भी कहा गया कि विरोध जताते समय संयमित भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए।
आवेदन में तीन प्रमुख मांगें रखी गई हैं:उमेश पुरी के खिलाफ उनकी आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए तत्काल FIR दर्ज की जाए।ज़ी न्यूज़ चैनल के संचालकों के खिलाफ भड़काऊ कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कानूनी कार्रवाई की जाए।इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाकर समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
फिलहाल, धमतरी पुलिस और प्रशासन की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। स्थानीय लोगों और संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही कार्रवाई नहीं की गई, तो वे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं। इस घटना ने एक बार फिर टीवी डिबेट्स में जिम्मेदारी और संवेदनशीलता की कमी को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इसमें प्रमुख रूप से रज़ा यूनिटी फाउंडेशन अध्यक्ष मोहम्मद सरफ़राज़, सुन्नी युथ विंग के अध्यक्ष मुस्तफा रज़ा निर्बान,अता-ए-गरीब नवाज कमेटी अध्यक्ष अनस रज़ा निर्बान,सय्यद मजहर अली,वकार उस्मान,नूर गोरी,सिकन्दर मेमन,शेख साहिल,शोएब कुरैशी,हाजी निजाम गौस,आदिल खान,हैदर हाशमी,मजहर अली व मुस्लिम समाज के लोग शामिल हुए।
नोट: यह खबर उपलब्ध जानकारी के आधार पर तैयार की गई है। पाठकों से अनुरोध है कि वे आधिकारिक स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें।