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एनएसयूआई द्वारा बस्ता खाली – जेब खाली छात्र अधिकार आंदोलन का दिखा असर

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NSUI के दबाव में झुका नगरी कॉलेज प्रशासन — फीस में की गई कटौती

अब जिले भर में चलेगा आंदोलन का दूसरा चरण

प्रदेश भर में छात्रों की शिक्षा और अधिकारों से जुड़ी गंभीर समस्याओं के खिलाफ भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) द्वारा चलाया जा रहा “बस्ता खाली – जेब खाली छात्र अधिकार आंदोलन” अब असर दिखा रहा है।

धमतरी/ जिले के शासकीय महाविद्यालय, नगरी में छात्रों पर लादी गई अवैध फीस वृद्धि को लेकर जब NSUI ने कॉलेज प्रशासन पर दबाव बनाया, तब अंततः प्रशासन को झुकना पड़ा और प्रवेश शुल्क में कमी की घोषणा की गई। छात्रों को राहत मिली है और यह NSUI के संघर्ष की बड़ी जीत है।

यह सिर्फ शुरुआत है —

अब यह आंदोलन जिले के प्रत्येक स्कूल और कॉलेज में पहुंचेगा। जब तक सभी शिक्षण संस्थानों में समान रूप से राहत नहीं मिलती, तब तक NSUI आंदोलन जारी रखेगी।अगले चरण में महाविधालयो व स्कूलों के बाहर हस्ताक्षर अभियान चलाया जायेगा

छात्र आंदोलन के प्रमुख मुद्दे:

महीने भर बाद भी स्कूलों में पुस्तक वितरण नहीं हुआ – छात्रों की पढ़ाई प्रभावित।

निजी स्कूलों द्वारा फीस में मनमानी वृद्धि – शासन की गाइडलाइन को ठेंगा।

शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी और अशासकीय मद में अवैध फीस वसूली ।

सरकारी लाइब्रेरी में बेरोजगार युवाओं से शुल्क वसूली – यह अन्यायपूर्ण है।

बिलासपुर PWD सब-इंजीनियर भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर नकल और भ्रष्टाचार – सरकार दोषियों पर कार्रवाई करे।

 शिक्षकों की भारी कमी के चलते शासकीय स्कूलों में तालाबंदी – यह प्रदेश सरकार की शिक्षा विरोधी नीति का परिणाम है।

राजा देवांगन,

जिलाध्यक्ष – NSUI धमतरी ने कहा:

“नगरी कॉलेज की फीस कटौती NSUI के संघर्ष की पहली जीत है। यदि सरकार और शिक्षा विभाग अब भी नहीं जागे, तो यह आंदोलन और भी बड़ा और व्यापक होगा। अब छात्रों की चुप्पी नहीं, आवाज़ गूंजेगी।”

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