Imran Pratapgarhi on Akhunji Masjid: आबूधाबी जाकर मस्जिद में सेल्फी लेने वाले PM को क्यों नहीं सुनाई देती 700 साल पुरानी तोड़ने की चीख
नई दिल्लीः Imran Pratapgarhi on Akhunji Masjid दिल्ली के महरौली इलाके में स्थित 600 साल पुरानी मस्जिद को तोड़ने का मुद्दा अब सदन तक पहुंच गया है। मामले को लेकर राज्यसभा में कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने पीएम मोदी और भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सदन को सबोधित करते हुए कहा कि 700 साल पुरानी मस्जिद को तोड़ने की गूंज उनके कानों तक क्यों नहीं पहुंच रही है।
इमरान प्रतापगढ़ी ने सदन को सबोधित करते हुए कहा कि मैं डीडीए द्वारा उजाड़ी जा रही दिल्ली की दास्तान और कुछ ऐतिहासिक इमारतों की चीखें लेकर आपके सामने खड़ा हूं। इसी 26 जनवरी को भारत के मेहमान फ्रांस के राष्ट्रपति मेक्रों को पुरानी दिल्ली का दीदार कराने के लिए हमारी सरकार निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर गई। दूसरी तरफ इसी सरकार के इशारे पर रात के अंधेरे में जमींदोज कर दी गईं सैकड़ों साल पुरानी मामा-भांजा, मंडी हाउस, काका नगर की छोटी-छोटी मजारें, जो पूछ रही हैं हमें तोड़ा क्यों गया।
उन्होंने आगे कहा कि अबूधाबी में जाकर मस्जिद में सेल्फी लेने वाले प्रधानमंत्री को महरौली में 700 साल पुरानी अखूंदजी मस्जिद के टूटने की चीखें क्यों नहीं सुनाई देती। डीडीए के अधिकारी अंधेरे में सुबह 5 बजे एक मस्जिद, बच्चों के पढ़ने वाले मदरसा और एक मंदिर को जमींदोज कर देते हैं। जो डीडीए 1957 को बना वो अपना गठन से सैकड़ों साल पहले बनी मस्जिद को अतिक्रमण बताता है।
उन्होंने आगे कहा, क्या दिल्ली विकास प्राधिकरण संसद के बनाए गए प्लेसेस ऑफ वर्सिप एक्ट 1991 को नहीं मानता। संसद से चार कदम की दूरी पर सुनहरी बाग मस्जिद, जिसका सैकड़ों साल पुराना इतिहास है, वह आज एनडीएमसी को अतिक्रमण नजर आता है। जिस मस्जिद को लुटियंस बसाने वाले अंग्रेजों ने नहीं ढहाया, उसे मसी और डीडीए उजाड़ना चाहती है। आखिर ये सिलसिला कब रुकेगा। प्रतापगढ़ी ने कहा कि मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि वो 700 साल पुरानी इमारत को गैरकानूनी तरीके से तोड़ने वाले डीडीए पर क्या कार्रवाई करेगी? सरकार इस बात को सुनिश्चित करे कि वो सैकड़ों साल की गवाही देने वाली सुनहरी बाग मस्जिद को सुरक्षित रखेगी। विरासतों को सहेजा जाता उनसे नफरत नहीं की जाती।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि दिल्ली के महरौली इलाके में स्थित अखूंदजी मस्जिद को डीडीए ने जमींदोज कर दिया। इस मामले में हाई कोर्ट ने डीडीए से जवाब मांगा है। अदालत ने ये पूछा है कि क्या ऐतिहासिक मस्जिद को गिराने से पहले कोई नोटिस दिया गया था। हालांकि डीडीए ने इसे अतिक्रमण बताया है। DDA का कहना है कि डिमोलिशन ड्राइव अभियान के चलते मस्जिद और उसके आस-पास की संरचनाओं को अनधिकृत मानते हए जमींदोज किया है।