जश्ने ईद मिलादुन्नबी पर धमतरी में मोहब्बत और इमान का ऐतिहासिक पैग़ाम गुलामाने मुश्तफ़ा कमेटी की ओर से दरूद शरीफ पढ़ने की प्रतियोगिता, पूरे शहर में पढ़े गए 9 करोड़ 25 लाख दरूद शरीफ

धमतरी/जश्ने ईद मिलादुन्नबी के मौके पर धमतरी में मोहब्बत, इमान और भाईचारे की ऐसी मिसाल कायम हुई, जो शहर के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज की जाएगी। गुलामाने मुश्तफ़ा कमेटी की ओर से दरूद शरीफ पढ़ने की भव्य प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें शहर के हजारों लोगों ने मिलकर मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बारगाह में सलाम पेश किया।
करीब दो महीनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में बच्चों से लेकर बुजुर्गों और परिवारों तक ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। नतीजा ये रहा कि पूरे शहर में कुल मिलाकर लगभग 9 करोड़ 25 लाख दरूद शरीफ पढ़े गए — जो अपने आप में एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड है।
बच्चों और परिवारों ने दिखाई कमाल की मोहब्बत इस प्रतियोगिता में बच्चों और परिवारों की अद्भुत भागीदारी देखने को मिली।
बच्चों में सबसे ज़्यादा दरूद शरीफ पढ़ने का खिताब ज़ैद ख़ान (वल्द इरशाद ख़ान, रिसाई पारा) के नाम रहा, जिन्होंने अकेले 7 लाख दरूद शरीफ पढ़कर सबका दिल जीत लिया।
फैमिली कैटेगरी में क़लीमुद्दीन ख़ान (मुअज्जन जामा मस्जिद) ने सबको पीछे छोड़ते हुए 3 करोड़ 25 लाख दरूद शरीफ पढ़ने का रेकॉर्ड बनाया।
10 खुशनसीब कुर्राह को मिला इनाम
कार्यक्रम के अंत में कुर्राह अंदाज़ी (लकी ड्रॉ) के ज़रिए 10 लोगों के नाम निकाले गए, जिन्हें विशेष इनाम दिए गए। इनमें पहले दो नामों को बड़ा इनाम मिला:
1. मुहम्मद जाबिर हुसैन (भाई रामबाग) — उमराह का टिकट
2. सय्यद महबूब हाशमी (नवागांव) — अजमेर शरीफ का टिकट
बाक़ी आठ खुशनसीब नाम इस प्रकार रहे:
3. अज़हर ख़ान — आमा पारा
4. हाजी सिकंदर गौड़ — सिहावा चौक
5. हाफ़िज़ बरकत साहब — रिसाई पारा
6. जुनैद रिज़वी — बानियापारा
7. मौलाना निहालुद्दीन साहब — रामसागर पारा
8. साहिल खोखर — अंबेडकर वार्ड
9. हाजी अब्दुल रशीद (बिरयानी वाले) — रिसाई पारा
10. तनवीर ख़ान — नवागांव
गुलामाने मुश्तफ़ा कमेटी के सदस्यों ने सभी विजेताओं को मुबारकबाद दी और कहा कि इस तरह के आयोजन समाज में इमान, भाईचारा और मोहब्बत को बढ़ावा देते हैं। भविष्य में भी इसी तरह के कार्यक्रम कर उम्मत को दरूद शरीफ पढ़ने के लिए प्रेरित करने का सिलसिला जारी रहेगा।
इसमें मुख्य रूप से सभी मस्जिदों के इमाम मोअज्जन शहर के बड़े बुजुर्ग,हाफिज अनवर रज़ा क़ादरी इमाम जामा मस्जिद,मुफ़्ती तौहीद आलम इमाम हनफिया मस्जिद,हाफ़िज़ एजाज़,हाफ़िज़ अहमद,हाफ़िज़ बरकत,कलीमुल्ला,अकरम रज़ा खत्री,जावेद खान,आमान रज़ा,फरहान खान अशरफी,हबीब खान,शोएब,नवाब भाई,जुनैद रज़ा जेडी,अफजाल अशरफी,मोहम्मद कैफ,अब्दुल हसीब,अब्दुल रशीद खत्री,पीर खान,नत्थू भाई,सलीम भाई नूरी,अहमद अत्तारी,शमशाद खान अशरफी शामिल रहे।