चार दिन लगातार दो – दो घण्टे 15 से 18 युवकों ने दिय्या श्रमदान और रौनकता में आ गई चार चांद।

धमतरीं /जिले में स्थित सेन्चुरी पार्क अब वापिस अपनी वीरान दिनों से मुक्त होने लगी है।इसके लिए उत्साही युवा मंच ने जागरूकता अभियान स्वच्छता एक मुहिम की शुरुआत की है ।
15 से 18 युवा ने लगातार चार दिन मेहनत करके बैठने के स्थान और मंदिर के समीप के पेवर ब्लॉक वाले एरिया में रंग रोगन कर बैठने वाले को मन लगाकर बैठने हेतु मजबूर कर दिया है।

इस प्रयास का सुबह टहलने वाले कई नागरिकों ने खूब तारीफ की।एक नागरिक ने कहा कि सब लोग अपने अपने घर को सजाने लगे हैं पर उत्साही युवा मंच के सक्रिय सदस्यों ने सार्वजनिक स्थल पार्क को थोड़ी मेहनत से रंगीन कर दिया। पैसा तो हर कोई दे देगा मगर समय देने कोई तैयार नही है ।हर कोई कहता है यहां कुछ भी कर लो सब बेकार है ।निगम का काम है उन्हें करने दो ।पर मंच के सदस्यों की जीवटता उनके उत्साह देखते बनता है।भूपेंद्र कहते है घर मे तो हर कोई अपना काम समझकर कर ही लेता है वैसा ही अब इस ऐतिहासिक पार्क को भी सजाने संवारने में नगर के हर उम्र व कर्मचारी , व्यवसायियों व बालिकाओं ,महिलाओं को जोश के साथ आगे आना चाहिए।विराज कहते हैं कोई आये न आये पर हम अब ये प्रयास निरन्तर करेंगे। कल से 3 अक्टूबर तक काम रोके रखेंगे। 4 से फिर निरन्तर जारी रहेगा।
प्रियांशी कहती हैं शहर में कई हुनरमंद युवक युवती है अब उन्हें बैठने के बजाय हमारे साथ हाथ बढ़ाने की आवश्यकता हैं।
कुशाल ,वैभव ,ओम व त्रिलोक का मानना है कि जब तक हम लोग जुटकर इस तरह के काम को शुरुआत नही करेंगे तब तक लोग हमें सहयोग करने नही आएंगे।
कुछ ऐसा ही हो रहा है हम एक हाथ बढ़ा रहे हैं लोग भी साथ देने आगे आ रहे हैं।
इस काम की हर कोई प्रशंशा करने लगे हैं। नगर के चार पेंट दुकान ने एक निवेदन पर 30 लीटर पेंट उपलब्ध कराई।

कइयों ने निगम से सहयोग लेने की बात कह रहे हैं ।उत्साही युवा मंच के सदस्यों का मानना है कौन क्या कर रहे हैं उससे अच्छा है हम लोग कुछ हाथ बटाये तो कुछ तो बदलेगा।
इन चार दिनों में सक्रिय रूप से विराज,भूपेंद्र,प्रियांशी,वैभव,ओम,कुशाल,त्रिलोक, खिलेन्द्र, मुंशी, गौतम,वैभव रणसिंह, और नरेन्द्र ने ताकत झोंक कर कायाकल्प कर दिए ।आगे की योजना में ग्राउंड फ्लोर को क्लीन कर रंगीन करने का है ।
मंच की गुजारिश है हमे समाज के हर वर्ग मदद करें हम बहुत जल्द सेन्चुरी गार्डन का चेहरा बदल सकते हैं।
अंत मे सब ने एक दूसरे को धन्यवाद दिया और बेहतर काम के लिए बधाई भी दिए।

