• Mon. Dec 23rd, 2024

70 करोड़ के फंड से बनी रायपुर की सड़कें 70 महीने में हो गई ध्वस्त, बारिश से पहले बनी थी 28 वार्डों की ये 60 सड़कें

Spread the love

रायपुर की सड़कों की हालत इन दिनों गांवों जैसी हो गई है। आलम यह है कि लोगों को कंकड़ के बीच धूल में वाहन चलाना पड़ रहा है। हर दम वाहनों के स्लीप करने और दुर्घटना का डर चालकों में बना रहता है। डामर के साथ सड़कों पर बिछाई गई गिट्टी में अब सिर्फ गिट्टी बची है। डामर का पता ही नहीं है।

रायपुर। राजधानी का हाल इन दिनों गांव की तरह हो गया है। जहां कच्चे रास्तों पर वाहनों के चलते ही धूल उड़ने लगती है, वैसे ही इन समय राजधानी की सड़कों से धूल उड़ रही है। शहर में बारिश से पहले 28 वार्डों की 60 से ज्यादा सड़काें के सुधार के लिए विभागों ने करोड़ों रुपये खर्च किया था, उनकी स्थिति अब बेहद बुरी हो चुकी है।आलम यह है कि लोगों को कंकड़ के बीच धूल में वाहन चलाना पड़ रहा है। हर दम वाहनों के स्लीप करने और दुर्घटना का डर चालकों में बना रहता है। डामर के साथ सड़कों पर बिछाई गई गिट्टी में अब सिर्फ गिट्टी बची है। डामर का पता ही नहीं है।\

डामरीकरण के नाम पर पीडब्ल्यूडी, नगर निगम और स्मार्ट सिटी ने मई से लेकर जुलाई तक में लगभग 70 करोड़ रुपये खर्च किए थे, लेकिन इतना पैसा खर्च करने के बाद भी ये सड़कें 70 दिन भी राजधानी वासियों का साथ नहीं दे सकीं। अभी तो मानसून खत्म होने में दो माह बचे हैं, ऐसे में आने वाले समय में स्थित और खराब होने के आसार हैं।

धूल के चलते सड़कों पर चलना मुश्किल

सड़कों की स्थिति इतनी खराब है कि लोगों के लिए चलना मुश्किल हो चुका है। नागरिकों की माने तो वे अगर सुबह अगर नहा धोकर ऑफिस निकलते हैं, तो ऑफिस पहुंचते तक फिर से नहाने लायक स्थिति हो जाती है। शहर के मध्य से गुजर वाले रिंग रोड़ नंबर-1 रहवासी रमेश नायक ने बताया कि 10 मिनट रिंग रोड़ की सर्विस लाइन में चल दो तो इंसान पूरी तरह से धूल-धूल हो जाता है।

केस-1

संतोषी नगर चौक के चारों तरफ सड़कों पर 10 से 12 इंच के गड्ढ़े मौजूद हैं। वहीं, चौक के दोनों तरफ सर्विस लाइन की स्थिति बेहद खराब है। दो पहिया चालकों के लिए चलना मुश्किल हो गया है। दोनों तरफ की सर्विस लाइन में बड़े-बड़े गड्ढ़े हैं।

वहीं, उखड़ी हुई गिट्टी की वजह से यहां छोटी-छोटी दुर्घटनाएं अक्सर हो रही हैं। बाहर के मार्ग में धूल के साथ अंडरब्रिज के नीचे कीचड़ का सामना भी लोगों को करना पड़ रहा है। बारिश होते ही यहां पानी भी भरता है। जिससे लोग परेशान हैं और जिम्मेदार मौन बैठे हैं।

केस-2

भाटागांव ओवर ब्रिज से नीचे उतरते ही बस स्टैंड के गेट नंबर-3 के पास सड़क में धूल के साथ कीचड़ की भरमार है। आधे हिस्से में पानी भरा रहता है, जहां लोगों को कीचड़ पार कर आना जाना पड़ रहा है, वहीं, ऊपर के हिस्से में जहां पानी नहीं भरा है, वहां लोग धूल से परेशान हैं। बड़ी बात तो यह है कि यहीं पर नगर निगम के जोन-6 का कार्यालय है और अंतरराज्यीय बस स्टैंड भी। इसके भी सर्विस लाइन की स्थिति खराब है।

नगर निगम रायपुर के अपर आयुक्त विनोद पाण्डेय ने कहा, शहर की सड़कों में मरम्मत का काम नगर निगम द्वारा समय-समय पर किया जाता है। बारिश से पहले कई सड़कों को ठीक किया गया था, जहां कि स्थिति दोबारा से खराब हो गई हैं, वहां, फिर से काम कराया जाएगा।

इन सड़कों की भी बिगड़ी स्थिति

– देवेंद्र नगर ओवर ब्रिज के पास

– मोवा ओवर ब्रिज की उखड़ गई बजरी

– खम्हारडीह से भावना नगर जाने का मार्ग

– बूढ़ेश्वर चौक से लाखे नगर मार्ग

– सड्डू साइंस सेंटर से कैपिटल होम्स

– भाटागांव से राधास्वामी नगर

– पुराना धमतरी रोड़ कमल विहार के पास

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *